बागपत के बड़ौत ब्लाक के कंडेरा गांव के रहने वाले एचएयू हिसार के पूर्व कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह बने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति, एचएयू को अंतरराष्ट्रीय पटल पर दिलाई थी पहचान





---हिसार एचएयू की तकदीर बदलने में निभाई अहम भूमिका

- बोले- छात्र छात्राओ के साथ साथ प्रोफेसर को भी नही होने दी जाएगी किसी भी तरह की परेशानी



बागपत। 

हिसार की एचएयू यूनिवर्सिटी को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने वाले बागपत के कंडेरा गांव के रहने वाले प्रोफेसर के पी सिंह को अब महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली का कुलपति बनाया गया है। 



प्रोफेसर के पी सिंह पंतनगर विश्वविद्यालय में जैवभौतिकी  के  प्रोफेसर हैं तथा पूर्व में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार तथा महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति रह चुके हैं। प्रोफेसर सिंह जैव प्रौद्योगिकी परिषद उत्तराखंड के भी निदेशक रह चुके हैं। प्रो केपी सिंह मूल रूप से यूपी के बागपत जिला के बड़ौत  ब्लाक व छपरौली विधानसभा क्षेत्र के कंडेरा गांव के रहने वाले है। प्रोफेसर केपी सिंह ने हिसार के कुलपति के दौरान एचएयू को अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी पहचान दिलाई थी। 

प्रोफेसर के पी सिंह  विश्व विख्यात वैज्ञानिक हैं तथा नैनोटेक्नोलॉजी, मौलीकूलर डायग्नोस्टिक, नैनोबॉयोसेंसर्स, बायो एनर्जी तथा अलाइड एग्रीकल्चर जैसे शोध कार्यों में विशेष दक्षता रखतें है। इन्होंने क्रेनफील्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड तथा नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट अमेरिका में पोस्ट डॉक्टोरल शोध का कार्य किया है। डॉक्टर सिंह 10 से भी ज्यादा देशों के विश्वविद्यालय एवं संस्थानों में विजिटिंग प्रोफेसर, एकेडमीशियन तथा शोधकर्ता के रूप में जुड़े रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ से स्नातकोत्तर तथा डॉक्टर डिग्री प्राप्त कर पंतनगर विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टर सिंह का कहना है कि एमजेपी रोहिलखंड यूनिवर्सिटी एक राष्ट्रीयस्तर एवं महत्व का विश्वविद्यालय है जो सात से भी ज्यादा जिलों में फैला हुआ है जिसमें की साढ़ें 500 सौ से भी ज्यादा संस्थान एवं कॉलेज संबंध हैं।  इस विश्वविद्यालय में हजारों छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं अथवा कर चुके हैं तथा सैकड़ों की संख्या में योग्य शिक्षक कार्यरत हैं तथा बड़ी संख्या में गैर शिक्षक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सभी लोगों को अधिकतम क्षमता के अनुसार उपयोग कर इस विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ संस्थान बनाने में तथा नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अपना सर्वस्व समर्पण के साथ काम करेंगे। विश्वविद्यालय की शिक्षा  पठन-पाठन, शोध, प्रचार, उद्यमशीलता, नवाचार तथा इनक्यूबेशन सेंटर जैसी नई गतिविधियों को बढ़ावा देंगे। नई शिक्षा नीति का विश्वविद्यालय में सही अर्थों में क्रियान्वयन किया जाएगा।  विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला को मजबूत किया जाएगा तथा स्मार्ट क्लासरूम टीचिंग तथा ऑनलाइन टीचिंग जैसे प्लेटफार्म सुदृढ़ किया जाएगा। डिजिटल एजुकेशन तथा तथा डिजिटल प्रबंधन को बढ़ावा देंगे।छात्र छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्रोफेसरों को भी किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।



एचएयू को अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने में भी निभाई अहम भूमिका

छपरोली के कंडेरा गांव के रहने वाले प्रोफेसर के पी सिंह 5 साल हिसार के एचएयू यूनिवर्सिटी के कुलपति रह चुके हैं। 5 साल में उन्होंने यूनिवर्सिटी के लिए जो कार्य किए इतने कम समय में करने  संभव नहीं है।  उन्होंने एचएयू में एबिक सेंटर की स्थापना से लेकर खेल स्टेडियम बनवाने ग्रीन हाउस का निर्माण, फिशरीज कालेज की स्थापना कराने में भी अहम भूमिका निभाई। 


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विदेशी यूनिवर्सिटी से भी कराया था करार

 कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने हिसार की एचएयू यूनिवर्सिटी में तैनाती के दौरान छात्र एवं छात्राओं को पाठ्य सामग्री व ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जापान व अन्य विश्वविद्यालयों से भी करार कराया था ।यही नहीं विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने विदेशों में जाकर भी ट्रेनिंग प्राप्त की थी । प्रोफेसर केपी सिंह के प्रयास से ही यह संभव हो सका था   हर किसी ने इसके लिए प्रोफेसर के पी सिंह की सराहना की।

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