मेरठ में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी वार्ड के बाहर रविवार को तीन मरीजों की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। नो बेड का हवाला देकर उन्हें भर्ती नहीं किया। मरीज एंबुलेंस में ही तड़पते रहे। आखिर उनकी जान चली गई।
तीनों मरीज अलग-अलग समय पर एंबुलेंस से भर्ती होने के लिए मेडिकल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे थे। एंबुलेंस खड़ी करके परिजन वार्ड में अंदर चले गए। रिसेप्शन पर गुहार लगाते रहे कि उनके मरीज को भर्ती कर लिया जाए। स्टाफ ने बेड खाली न होने की बात कही। स्टाफ ने मरीजों के परिजनों को यह भी बताया कि इमरजेंसी वार्ड में 55 की क्षमता है। इसके सापेक्ष 85 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। पैर रखने तक की जगह नहीं है। ऐसे में वह मरीज को एडमिट नहीं कर सकते।
-----निजी अस्पतालों ने भी नकारा
परिजनों ने बताया कि वह लगभग सभी निजी अस्पतालों में धक्के खा चुके हैं। गंभीर हालत देखते हुए मरीज को किसी ने भर्ती नहीं किया। इसके बाद ही वे थक-हारकर मेडिकल आए हैं। गुहार लगाते-लगाते काफी वक्त बीत गया। इस तरह एंबुलेंस में ही तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया। एक दिन पहले भी गंगानगर निवासी देवेंद्र की इसी तरह मौत हुई थी।