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बागपत। प्रदेश में संचालित 102 एम्बुलेंस बुधवार की देर रात एक बार फिर नवजात की किलकारी से गूंज उठी। खेकड़ा क्षेत्र के सरस्वती नगर निवासी निशा (24) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 102 एम्बुलेंस बुलाई थी। एम्बुलेंस उन्हें लेकर अस्पताल जा रही थी लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ गई। जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी ने अपनी सूझबूझ से महिला का एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया।
एम्बुलेंस में कार्यरत ईएमटी भूपेन्द्र सिंह और अमरीश कुमार ने बताया कि बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे जानकारी मिली कि खेकड़ा क्षेत्र के सरस्वती नगर निवासी निशा (24) पत्नी अभिजीत को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत है। सूचना मिलते ही वे एम्बुलेंस लेकर पहुंच गये। वे एम्बुलेंस में मरीज को लेकर सीएचसी बागपत जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई।
भूपेनद्र ने बताया कि एम्बुलेंस सड़क पर किनारे लगाकर सुरक्षित प्रसव कराया गया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को सीएचसी बागपत में भर्ती करा दिया गया। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों ही पूरी तरह सुरक्षित हैं। वहीं, परिजनों ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकारी एम्बुलेंस सेवा और एम्बुलेंस कर्मचारियों की सराहना की।
------102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा के जिला प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि बागपत जिले में 102 सेवा की एम्बुलेंस में अब तक 18 बच्चों का जन्म एम्बुलेंस में हो चुका है। जबकि 68 प्रसव के मामले में एम्बुलेंस कर्मियों ने घर में डिलीवरी कराने में सहायता की है।
राजन कुमार ने बताया कि 102 सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। 102 एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चों को घर से सरकारी अस्पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्ध रहती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित हैं। इसलिए डिलीवरी के मामले में सभी 102 एम्बुलेंस का प्रयोग करना चाहिए। वहीं, 108 एम्बुलेंस सेवा से किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मदद ली जा सकती है। यह सेवा भी नि:शुल्क है।