------समय से मरीजो को अस्पताल पहुँचाने में सदैव तत्पर रहते है एम्बुलेंस कर्मचारी
घायल का उपचार करता ईएमटी |
------ईएमटी के द्वारा मरीज की हालत गंभीर होने पर एम्बुलेंस में ही शुरू किया जाता है प्राथमिक उपचार
बागपत । यूपी सरकार द्वारा राज्य में संचालित 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) और कैप्टन ने अपनी सूझबूझ से समय से मरीजो के पास पहुँचकर उनकी रक्षा करने में अहम भूमिका निभा रहे है ।
यूपी 108 एम्बुलेंस पर तैनात सुमित सागर (ईएमटी) और देवशिल्पी (कैप्टन) ने बताया है कि 108 के कंट्रोल रूम लखनऊ द्वारा आज दोपहर 3:18 पर उन्हें सूचना मिली कि सीएचसी बड़ौत से मेडिकल कॉलेज मेरठ के लिए मरीज गौतम (38वर्ष) रैफर जाना है । जो इलेक्ट्रिक बर्न केस है । जिसके उपरान्त तत्काल प्रभाव से एम्बुलेंस स्टाफ एम्बुलेंस लेकर सीएचसी बड़ौत पहुँचे।
एम्बुलेंस स्टाफ ने तत्काल मरीज गौतम (38वर्ष) को एम्बुलेंस में शिफ्ट किया और मेडिकल कॉलेज मेरठ के लिये एम्बुलेंस लेकर रवाना हो गये ।
तथा बताया कि गौतम (38वर्ष) पुत्र राम भगवान ढिकाना ग्राम के निवासी है। ईएमटी ने यह भी बताया है कि गौतम को हाई टेंशन विघुत लाइन(11000 वोल्ट) का करंट लगा है।
एम्बुलेंस स्टाफ सुमित सागर (ईएमटी) ने रास्ते में ही टेलीफोनिक के माध्यम से ईआरसीपी टीम (लखनऊ) के मदद से फ्लूइड लाइन लगातार चालू रखते हुये मरीज को रास्ते में दर्द से राहत दिलाई , उसके बाद मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया ।
एम्बुलेंस प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। 102 एम्बुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चों को घर से सरकारी अस्पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्ध रहती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित हैं। इसलिए डिलीवरी के मामले में सभी 102 एम्बुलेंस का प्रयोग करना चाहिए। वहीं, 108 एम्बुलेंस सेवा से किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मदद ली जा सकती है। यह सेवा भी नि:शुल्क है।