मेरठ । वरिष्ठ संवाददाता
मेरठ की शाही जामा मस्जिद में एक जलसे का आयोजन किया गया । जिसमें कुरान के तर्जुमे के बारे में जानकारी दी गई । जिसमें शहर काजी प्रो जेनुलशाजिद्दीन ने कुरान के तर्जुमें के बारे में बताया । तथा इस मौके पर बसीर अहमद खान वाइस चांसलर , मौलाना अताउर रहमान कासमी जामिया हमदर्द व जामिया मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ , डायरेक्टर शाह वली अल्लाह , मौलाना खुर्शीद अहमद सैखुल हदीस दारुल उलूम मेरठ , मास्टर वकार अहमद , मा कादिर अहमद , मा खान साहब आदि ने कुरान पाक के तर्जुमे के बारे में बयान किया ।
शहर काजी ने फरमाया की बिस्मिल्लाह का ब ये सिखाता है कि सारी चीजें अल्लाह के ताल्लुक के साथ होनी चाहिए । कुरान-ए-करीम के बुनियादी हुक़ूक़ में पांच चीजे है । 1. इसपर ईमान लाना , 2. इसकी तिलावत करना , 3. इसको समझना , 4. इसपर अमल करना , 5. दुसरो तक इसे पहुँचाना ।
इसके बाद फ़रमाया की इस शाही जामा मस्जिद की एक ख़ूबी यह भी है कि उसके बानी नासिरुदीन महमूद बादशाह होने के साथ साथ कातीबे कुरान(कुरान पाक लिखा करते थे) थे । और कुरान करीम की किताबों से जो रकम हासिल होती उसपर उनका गुजर-बसर होता था ।
तथा बसीर अहमद ने फरमाया कि 1993 से कुरान-ए-पाक की यह तरतीब जारी थी मगर लॉक डाउन में यह सिलसिला बन्द हो गया था । तहरीक फहीम-ए कुरान के दोस्तो की कोशिश से यह सिलसिला दोबारा शुरू हो गया ।
इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद फुरकान , मौलाना मोहम्मद सुलेमान , मौलाना खुर्शीद , मुफ़्ती अताउर रहमान , मुफ़्ती हामिद हुसैन , मास्टर शाहवेज , मुफ़्ती रिसालत हुसैन , मौलाना मोहम्मद जाकिर , मौलाना मोहम्मद शुएब , मास्टर शुएब अहमद , मौलाना सरफराज आदि मौजूद रहे ।