बागपत : सूर्यवंशी महाराजा अग्रसेन ने सर्वप्रथम यज्ञ में बलि प्रथा का विरोध किया था : महामंडलेश्वर नर्मदा शंकर

 





कुंडली में महाराजा अग्रसेन धाम का शीघ्र निर्माण होगा: राजेंद्र अग्रवाल


बागपत । संवाददाता


निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर आज(मंगलवार) को अग्रवाल मंडी टटीरी में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी अभिमन्यु गुप्ता के आवास पर पधारे । गुप्ता ने महामंडलेश्वर नर्मदा शंकर को माल्यार्पण, पटका, पगड़ी आदि पहनाकर स्वागत किया । 



इस अवसर पर नर्मदा शंकर ने कहा कि सूर्यवंशी राजा महाराजा अग्रसेन ने सर्वप्रथम यज्ञ में बलि प्रथा का विरोध किया और क्षत्रिय वर्ण से वैश्य वर्ण का अंगीकार किया । तथा सर्वप्रथम अपने  अग्रोहा राज्य में प्रत्येक नवागंतुक परिवार को एक रुपया व एक ईंट प्रत्येक परिवार से दिलाने की परंपरा प्रारंभ की । उनके राज्य में एक लाख से अधिक परिवार निवास करते थे। प्रत्येक आने वाले परिवार पर ₹100000 और 100000 ईट हो जाती थी। जिससे आगंतुक परिवार अपना आवास बनाकर एवं अपना व्यापार शुरू कर सकता था। राजा परीक्षित को महात्मा सुखदेव ने भागवत कथा सुनाई जिससे उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ। महाराजा अग्रसेन ने कभी भी किसी पड़ोसी देश पर आक्रमण नहीं किया। उसके बिना ही वे चक्रवर्ती सम्राट बने। तथा उन्होंने सभी से महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों एवं संस्कारों से जीवन को परिपूर्ण करने का आग्रह किया। 



इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन धाम कुंडली के संस्थापक राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आगामी वर्षों में कुंडली में बनने वाले महाराजा अग्रसेन धाम में भव्य मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा । आधुनिक गौशाला का भी निर्माण किया जाएगा। 



इस अवसर पर रुकमणी देवी, डॉक्टर कमला अग्रवाल, पंकज गुप्ता, आशुतोष मित्तल, अजय मित्तल, आशीष गोयल, संतोष गुप्ता, बागपत व्यापार संघ के अध्यक्ष मनोज गोयल सहित अनेक व्यक्तियों ने महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर का आशीर्वाद प्राप्त किया ।

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