लखनऊ : युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं भाजपा सरकार :- आराधना मिश्रा मोना

नियम 56 के अंतर्गत बेरोजगारी पर योगी सरकार का चर्चा कराने से इंकार करना भाजपा का नौजवान विरोधी चेहरा :- आराधना मिश्रा मोना, नेता कांग्रेस विधान मंडल दल



विधानसभा की नई नियमावली में सत्र के दौरान महिला विधायकों की प्रश्न करने में प्राथमिकता के साथ भागीदारी सुनिश्चित हो :- आराधना मिश्रा मोना


-------बिल और ऑर्डिनेंस के लिए स्टैंडिंग कमेटी का गठन हो


लखनऊ । संवाददाता


नेता कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा के मानसून सत्र में आज युवाओं की बेरोजगारी और विधानसभा की नई नियमावली में महिला विधायकों की प्रश्न करने की भागीदारी को कानूनी रूप से सुनिश्चित करने और विधानसभा में बिल एवं ऑर्डिनेंस बनाने के लिए स्टैंडिंग कमेटी गठित करने का मुद्दा उठाया।


आराधना मिश्रा मोना ने नियम 56 के अंतर्गत प्रदेश में बेरोजगारी पर सरकार और विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा कराने की मांग की लेकिन भाजपा सरकार द्वारा युवाओं की बेरोजगारी पर चर्चा से इंकार कर दिया गया जिस पर आराधना मिश्रा मोना ने सरकार पर युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगाया और कहा प्रदेश में बेरोजगारी से युवा वर्ग के अंदर काफी रोष है, युवा परेशान है लेकिन बीजेपी सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है ,सच्चाई बिल्कुल अलग है, सरकार का दावा है कि बेरोजगारी दर कम हो रही है लगभग चार प्रतिशत है, लेकिन हकीकत यह है कि युवाओं ने अब सरकार से रोजगार की उम्मीद लगाना ही बंद कर दिया है, जिसकी सच्चाई CMIE के आंकड़े बयां कर रहे हैं, प्रदेश में युवा श्रम भागीदारी दर गिर रही है, 2019 में प्रदेश में युवाओं की श्रमबल भागीदारी 41.02 प्रतिशत थी जो दिसंबर 2022 में गिरकर 22.4 प्रतिशत रह गई, इससे साफतौर पर भाजपा सरकार की रोजगार देने के दावों की हकीकत पता चल रही है, यदि भाजपा सरकार ने इतने ही रोजगार दिए हैं तो चर्चा से क्यों भाग रही है।


आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा ने 2017 में 70 लाख नौकरियां देने की बात कही लेकिन  युवा जब रोजगार की जानकारी मांगते हैं तो सरकार सूचना नहीं देती, आज हालात तो यह हो चुकी है कि प्रदेश की ग्रुप डी की नौकरियों में बीटेक, एम.बी.ए., एम.एस.सी., एम.ए डिग्री जैसी उच्च योग्यता वाले युवा चपरासी ,चौकीदार, माली जैसे पदों के लिए आवेदन करने पर मजबूर हैं,सरकार के पास रोजगार देने का योजना नही है, प्राइवेट सेक्टर में नौकरी पाने के लिए युवा कोर्स तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही।


आराधना मिश्रा मोना नेता कांग्रेस विधानमंडल दल ने आरोप लगाया कि 2018 में पहली इन्वेस्टर समिट में वादा किया गया की 40 लाख रोजगार मिलेंगे, दूसरी समिट में कहा गया कि 98 लाख रोजगार सृजन होंगे, लेकिन आंकड़ों पर जानकारी मांगने पर सरकार जानकारी नहीं दे पा रही कि फैक्ट्रियां कहां लगी रोजगार कहां हैं, हम मांग करते हैं कि सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करें।


  आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि शिक्षा विभाग में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले शिक्षकों के 126028 पद खाली हैं लेकिन भर्ती नहीं हो रही,हर साल 2.42 लाख छात्राएं बीटीसी कर रहे हैं, 20 लाख युवा टेट पास कर भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।


इसी तरह 2018 में ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती निकली 4 साल हो गए लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं, हकीकत यह है कि भाजपा सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है प्रदेश में युवा तैयारी करता है फार्म भरता है और परीक्षा केंद्र पहुंच रहा तो पता चलता है कि पेपर लीक हो गया,आखिर युवाओं के साथ इस तरह की धोखेबाजी कब तक होगी हम मांग करते हैं कि सरकार विभाग वार रिक्त पदों की जानकारी सदन में रखे और उन पर भर्ती कब होगी यह भी जानकारी दे।


 आराधना मिश्रा मोना ने नई नियमावली में अपने सुझाव में महिला विधायकों के भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी व्यवस्था का सुझाव दिया, और कहा की महिलाओं की सशक्तिकरण से ही प्रदेश का विकास संभव है इसलिए महिला की आवाज विधानसभा में सिर्फ औपचारिकता बनकर न रह जाए इसके लिए कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि महिला विधायकों के प्रश्नों को प्राथमिकता से लिया जाए एवं उनके बोलने के लिए, प्रश्न उठाने के लिए भागीदारी को कानूनी रूप से सुनिश्चित किया जाए।


 आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा में बिल एवं ऑर्डिनेंस के लिए स्टैंडिंग कमेटी के गठन की मांग की और कहा कि हम कोई भी कानून बनाते हैं तो उसके दूरगामी व्यापक परिणाम होते हैं इसके लिए उस पर विस्तार से मंथन, चर्चा ,सुझाव हेतु देश की संसद की तरह स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया जाए ताकि कोई भी बिल और ऑर्डिनेंस बनने से पहले स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जाए जिससे विस्तार से उसके परिणामों पर, उसके प्रभाव पर, चर्चा की जा सके हम जब कोई भी कानून बनाते हैं तो उन कानूनों से पूरे प्रदेश में सामाजिक आर्थिक और अन्य प्रभाव पड़ते हैं जिससे प्रदेश का भविष्य तय होता है इसलिए उन पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है जिसके लिए स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया जाना आवश्यक है।


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