- देश के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मेरठ जिला प्रशासन ने कमर कस ली है.
- उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा कि अब लोगों को बुखार, जुकाम की दवाई लेने से पूर्व अपना नाम और पता फुटकर विक्रेताओं को दर्ज कराना होगा.
एक्सप्रेस न्यूज़ संवाददाता
मेरठ. कोविड की दूसरी लहर से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है. जिसके तहत शहरवासियों को खांसी, जुकाम और बुखार की दवा खरीदने पर अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर दुकानदार के रजिस्टर पर दर्ज कराना होगा. फिर कहीं जाकर आपको उचित दवा मिलेगी. इसी तरह प्रतिदिन दुकानदार द्वारा एक सूची तैयार की जाएगी जिसमें इस तरह के ग्राहकों का नाम होगा. जिसे डीआई के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप करना होगा. फिर उन मरीजों की कोरोना जांच होगी जिन्होंने दवा खरीदी.
वहीं, जिलाधिकारी ने इसी बात को लेकर सभी थोक और फुटकर दवा दुकानदारों को निर्देश दिया. इसके आदेश को जारी करने से प्रशासन को पूर्व में जानकारी हुई थी कि लोग बुखार, खांसी और जुकाम का उपचार घर पर ही दवा लेकर कर रहे हैं. जिससे कोरोने के हल्के लक्ष्ण का पता तो नहीं चलेगी बल्कि बीमारी और विकराल रुप ले सकती है. जोकि घरेलू उपचार के जरिे बीमारी से उबर पाने में संभव नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो बुखार, खांसी आदि जैसे लक्ष्णों से ग्रसित मरीजों को डॉक्टर भी निजी तौर पर मदद कर रहे हैं. जिससे उनके ऊपर बीत रही बीमारी का खुलासा नहीं हो पा रहा है. साथ ही संक्रमण का फैलाव और ज्यादा हो रहा है. आपको बता दें कि पैरासिटामॉल, क्रोसिन, फ्लू, एजीथोमाइसीन 250 और 500 एमजी, कोम्बिफ्लेम, फैवीपैरावीर, डोक्टसोलिन, जिंक टैबलेट और कैप्सूल खरीदने पर लोगों को अपनी सूचना देनी होगी. असल में इन दवाओं का इस्तेमाल कोरोना मरीज के इलाज के दौरान भी होता है. अपनी बात रखते हुए औषधि निरीक्षक मेरठ पवन शाक्य ने कहा कि फुटकर विक्रेताओं के द्वारा अगर जानकारी नहीं दी जाती है तो उनपर भी कार्रवाई होगी. साथ ही उनके स्टॉक की भी चेकिंग होगी. इससे जुड़ी सूचना को 8127531753 पर भी कॉल कर सीधे स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी जा सकती है.