कोरोना महामारी से लडऩे में आहार प्रबंधन का रखें विशेष याल : प्रोफेसर के.पी. सिंह

कोरोना महामारी से लडऩे में आहार प्रबंधन का रखें विशेष ध्यान : प्रोफेसर केपी सिंह


------चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय ने भोजन संबंधी टिप्स दिए


 हिसार।

कोरोना महामारी से लड़ने में आहार प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। तभी कोरोना से बचा जा सकता है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रोफेसर के.पी. सिंह ने आहार को लेकर टिप्स दिए।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि
कोरोना महामारी से तभी मुकाबला किया जा सकता है, जब हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय का खाद्य एवं पोषण विभाग शुरू से ही
इसके लिए प्रयत्नशील एवं कार्यरत है। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में आहार प्रबन्धन की अहम् भूमिका है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में स्वस्थ आहार प्रथाओं को अपनाने के साथ-साथ भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार व्यक्तिगत स्वच्छता और सामाजिक दूरी का भी पालन
करना अनिवार्य है।
महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढ़ांडा ने कोविड-19 महामारी के समय आहार प्रबंधन द्वारा रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया। खाद्य एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. संगीता सी सिंधु ने बताया कि भोजन हमारे दैनिक जीवन का ऐसा अभिन्न अंग है कि हम अब इस पर कम ध्यान दे पाते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए हमारी आहार प्रथाओं को बदलने की आवश्यकता  है। विभाग की प्राध्यापिका डॉ. उर्वशी नांदल ने संतुलित आहार के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कोविड-19 महामारी में  संतुलित आहार द्वारा प्रतिरक्षा प्रणाली को  मजबूत करने के लिए स्वस्थ आहार संबंधी निम्र बातों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।  आहार संबंधी इन बातों का रख सकते हैं


यह रखें ध्यान....
-दिन मे बार-बार अल्पाहार करें।
-आंतो में मौजूद बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए दही, छाछ, इडली, ढ़ोकला खाद्य पदार्थ  भोजन में शामिल कर सकते हैं।
-रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए आसानी से उपलब्ध सुपर खाद्य पदार्थों को भोजन में  शामिल कर सकते हैं, जैसे : पालक, नींबू, पपीता,
मशरूम, टमाटर, मिर्च, आंवला, हल्दी, लहसुन, अदरक, काला जीरा, कदू के बीज, खरबूजे के  बीज, दही, तुलसी, शहद आदि।

----इन खाध पदार्थों पर ध्यान दिया जा सकता है :---
 खाद्य समूहों में अनाज जैसे चावल, गेंहू, मुरमुरे, जौ, ज्वार, बाजरा, जई, रागी, मक्का, दलहन जैसे साबुत दाल राजमा,रहित सब्जी लगा सकते हैं। इससे स्वास्थ्य भी सही रहेगा व बचत भी होगी।
जितना संभव हो सके, मौसमी फल व सब्जी ही उपयोग  में लाएं।
-अधिक से अधिक (लगभग 10 से 12 गिलास) गरम/ गुनगुना  पानी दिनभर में पी सकते हैं।
-गेहूं, मोठ, मूंग व काले चने को अंकुरित करके   खा सकते हैं।
-खमीरीकरण द्वारा दूध की दही बनाकर तथा  इडली, ढ़ोकला आदि बना सकते हैं।
-विभिन्न खाद्य पदार्थोंं को मिलाजुला प्रयोग कर सकते
हैं, जैसे : दाल-रोटी, खिचड़ी, पकी दाल और आटे को इक्टठा गूंथ कर उसकी रोटी या परांठा, मिस्सी रोटी, इडली, डोसा, ढ़ोकला।
दाल के परांठे में हरी पतेदार सब्जी मिलाकर, सब्जियों वाली खिचडी व दलिया, सब्जियों तथा अंकुरित चने, मूंग या मोठ से मिलाकर चाट बना सकते हैं।
एचएयू के कुलपति प्रो केपी सिंह का कहना है कि यह सुझाव केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हैं।इसके लिए विभाग द्वारा कोई चिकित्सीय दावा नहीं किया जा रहा है।

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