---- एम्बुलेंस सेवा की गर्भवती के परिजनों ने की तारीफ, तथा बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों हैं स्वस्थ
---- एम्बुलेंस में करीब 20 बच्चे ले चुके है जन्म
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बागपत। उत्तर प्रदेश में संचालित 108 एम्बुलेंस में शनिवार की देर रात एक बार फिर नवजात की किलकारी से गूंज उठी। बिनौली क्षेत्र के आदमपुर गांव निवासी पुष्पा (30) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 एम्बुलेंस बुलाई थी। एम्बुलेंस उन्हें लेकर अस्पताल जा रही थी । लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा अधिक बढ़ गई। जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी ने अपनी सूझबूझ से महिला का एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया।
एम्बुलेंस में कार्यरत ईएमटी अजब सिंह ने बताया कि शनिवार देर रात करीब 10 बजे जानकारी मिली कि मरीज पुष्पा (30) पत्नी बिट्टू को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत है। सूचना मिलते ही वे एम्बुलेंस लेकर पहुंच गये। वे एम्बुलेंस में मरीज को लेकर अस्पताल जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई।
अजब सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस सड़क पर किनारे लगाकर सुरक्षित प्रसव कराया गया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को जिला संयुक्त चिकित्सालय बागपत में में भर्ती करा दिया गया। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों ही पूरी तरह सुरक्षित हैं। वहीं, परिजनों ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकारी एम्बुलेंस सेवा और एम्बुलेंस कर्मचारियों की सराहना की।
102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा के जिला प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि बागपत जिले में 102 सेवा की एम्बुलेंस में अब तक 20 बच्चों का जन्म एम्बुलेंस में हो चुका है। जबकि 70 प्रसव के मामले में एम्बुलेंस कर्मियों ने घर में डिलीवरी कराने में सहायता की है।
एम्बुलेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक सुन्नी सिंह ने बताया कि 102 सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। 102 एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चों को घर से सरकारी अस्पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्ध रहती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित हैं। इसलिए डिलीवरी के मामले में सभी 102 एम्बुलेंस का प्रयोग करना चाहिए। वहीं, 108 एम्बुलेंस सेवा से किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मदद ली जा सकती है। यह सेवा भी नि:शुल्क है।