बागपत। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 102 एम्बुलेंस में शुक्रवार को एक बार फिर नवजात बच्चे की किलकारी से गूंज उठी। खेकड़ा ब्लॉक के ग्राम साकरोद निवासी शबाना (28 वर्ष) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 102 एम्बुलेंस बुलाई थी। एम्बुलेंस उन्हें लेकर अस्पताल जा रही थी । लेकिन बीच रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई। जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी ने अपनी सूझबूझ से महिला का एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया।
एम्बुलेंस में कार्यरत ईएमटी नकुल शर्मा और पायलट अंग्रेज यादव ने बताया कि शुक्रवार दिन में करीब चार बजे जानकारी मिली कि खेकड़ा क्षेत्र के साकरोद निवासी शबाना (28 वर्ष) पत्नी नूर मोहम्मद को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत है। सूचना मिलते ही वे एम्बुलेंस लेकर पहुंच गये। वे एम्बुलेंस में मरीज को लेकर जिला संयुक्त चिकित्सालय बागपत जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई।
एम्बुलेंसकर्मी ने बताया कि सिसाना के समीप एम्बुलेंस को सड़क किनारे लगाकर सुरक्षित प्रसव कराया गया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को जिला संयुक्त चिकित्सालय बागपत में भर्ती करा दिया गया। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों ही पूरी तरह सुरक्षित हैं।
वहीं, परिजनों ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकारी एम्बुलेंस सेवा और एम्बुलेंस कर्मचारियों की सराहना की।
एम्बुलेंस के जिला प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि बागपत जिले में 102 सेवा की एम्बुलेंस में अब तक 25 बच्चों का जन्म एम्बुलेंस में हो चुका है। जबकि 74 प्रसव के मामले में एम्बुलेंस कर्मियों ने घर में डिलीवरी कराने में सहायता की है।
एम्बुलेंस के प्रोग्राम मैनेजर राजेश रंजन ने बताया कि 102 सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। 102 एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चों को घर से सरकारी अस्पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्ध रहती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित हैं। इसलिए डिलीवरी के मामले में सभी 102 एम्बुलेंस का प्रयोग करना चाहिए। वहीं, 108 एम्बुलेंस सेवा से किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मदद ली जा सकती है। यह सेवा भी नि:शुल्क है।