मेरठ। संवाददाता
शुक्रवार को मोहर्रम की नौवीं तारीख को शहर सहित जैदी फार्म, लोहियानगर, अब्दुल्लापुर में मजलिसें हुई। जुलजनाह, अलम हजरत अब्बास और गवारये हजरत अली असगर बरामद हुए। या हुसैन या अब्बास की सदाओं के बीच जुलूस निकले। इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे।
इमामबारगाह मनसबिया घंटाघर में मौलाना आबिद रिज़वी ने मजलिस में अलम-ए-हजरत अब्बास की तारीख बयां की। उन्होने कहा कि आज भी दुनिया के कोने-कोने में बुलन्द होकर ये अलम हजरत इमाम हुसैन की फतेह की पहचान बना हुआ है। मजलिस के बाद अलम हजरत अब्बास बरामद हुआ। जिसमें अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू, चांद मियां, रविश मीसम ने पुरदर्द नौहे पढ़े। डॉ. सैयद इकबाल हुसैन (मरहूम) के अज़ाखाने हुसैनाबाद में मौलाना गुलाम अब्बास नौगावा सादात ने बड़ी मजलिस को खिताब किया। अंजुमन दस्ते हुसैनी के हुमायू अब्बास ताबिश, गिज़ाल रज़ा ने गमगीन नौहे पढ़े। मजलिस का आयोजन सैयद शाह अब्बास सफवी ने किया। छोटी कर्बला चौड़ाकुंआ में मौलाना अब्बास बाकरी हैदराबादी और दरबारे हुसैनी जै़दी फार्म में मौलाना काज़िम मेहदी उरूज जोनपुरी तथा इमाम बारगाह पंजेतनी में मौलाना अम्मार हैदर रिज़वी ने इमाम हुसैन और शौहदाये कर्बला की शहादत बयां की।
हाजी जहीर आलम अंजुम के अज़ाखाने पंजेतनी पार्क से हैदर अली ताजपुरी की निगरानी में चंद लम्हों के लिये गुलाब के फूलों पर जुलजनाह बरामद होकर इमामबारगाह पंजेतनी पहुंचा। जहां बड़ी संख्या में मौजूद हुसैनी सौगवार जियारत के लिये उमड़ पड़े। इस दौरान शबाब जै़दी, हाजी खुर्शीद जै़दी, शाकिर अली, इरशाद, चांद जै़दी, गुलशन ने व्यवस्था संभाली। सेक्टर चार शास्त्रीनगर स्थित शाहजलाल हॉल में मजलिस के बाद गश्ती जुलूस जुलजनाह बरामद हुआ। जो जै़दी फार्म के सभी इमामबारगाहों और अज़ाखानों से होता हुआ वापस इसी स्थान पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जुलूस के संस्थापक मसदर अली मरहूम, मौलाना सैयद काजिम अली जैदी, आयोजक अली हैदर रिजवी रहे। जुलूस की व्यवस्था मुजफ्फर अली, जुल्फिकार अली, मुसर्रत अली, मुशर्रफ अली, हैदर अब्बास आदि सम्भाले हुये थे।
इसके बाद अजान-ए-अली अकबर इमामबारगाह पंजेतनी में मजलिस का आयोजन किया गया। रात में शहर सहित जै़दी फार्म, लोहियानगर में सभी इमामबारगाहे व अज़ाखाने हुसैनी सोगवारों के लिये खुले रहे। हजारों पुरूष, महिलाओं और बच्चों ने जियारत की और दुआएं मांगी। जैदी फार्म में रईस हुसैन मरहूम की अज़ाखाने जैदी चौक से जुलूस अलम-ए-मुबारक बरामद होकर दरबारे हुसैनी पुरानी कोठी पहुंचकर संपन्न हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवारों और फौजे हुसैनी के रज़ाकारों ने मातम किया। जावेद रज़ा, अर्शी नकवी, नज़र अब्बास, शबीह जै़दी आदि ने नौहा पढ़कर माहौल को पुरसोज़ कर दिया।
दूसरी ओर, लालकुर्ती के मार्गों में ताजियों एवं चौकियों का गश्त हुआ। यहां इस्लामी मदरसा बड़ा बाजार से सुन्नी समुदाय के लोगों द्वारा चौकियों का जुलूस ढोल ताशों के बीच और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में प्रारंभ किया। क्षेत्र के अलग-अलग मोहल्लों के युवकों और बच्चों ने 14 छोटी-बड़ी चौकियां तैयार की गई थी। बड़ा बाजार से जुलूस छोटा बाजार, फव्वारा चौक से होता हुआ पैठ एरिया से बेगमपुल पहुंचकर रात में लालकुर्ती पहुंचा। चौकियों का बड़ा जुलूस लालकुर्ती से प्रारंभ होकर ईदगाह चौराहा दिल्ली रोड तक जाएगा।
आज दस मोहर्रम के कार्यक्रम : मोहर्रम कमेटी के मीड़िया प्रभारी अली हैदर रिज़वी ने बताया कि आज दस मोहर्रम को प्रातः सात बजे इमामबारगाह हैदरी जाटव गेट से ताजिया तथा हसन अली हैदी मरहूम के अजाखाने जाहिदियान से प्रातः नौ बजे अलम हजरत अब्बास व तबरूकात बरामद होगें। इसके अतिरिक्त छोटी कर्बला चौड़ा कुंआ से ताजिये का बड़ा जुलूस दो बजे, जैदी फार्म में भी जुलजनाह व ताजिये का जुलूस दो बजे इश्तियाक हुसैन इमामबारगाह से बरामद होगा। इसके अतिरिक्त सेक्टर चार स्थित शाहजलाल हॉल से रात दस बजे मशाल जुलूस शाम-ए-गरीबां बरामद होकर कर्बला जै़दी सोसायटी पहुंचेगा। रात में आठ बजे डॉ. सैयद इकबाल हुसैन (मरहूम) अजाखाने हुसैनाबाद मजलिस व मनसबिया में शाम-ए-गरीबां होगी। आमाले अशुरा मनसबिया रेलवे रोड़ तथा इमामबारगाह पंजेतनी में सुबह नौ बजे होगें।