लब्बैक या हुसैन लब्बैक या अब्बास की गूंजी सदाएं
- शहर में सुबह शुरू हुआ जुलूसों के सिलसिला, देर रात तक चलता रहा
- रेलवे रोड मंसबिया में दफन किए ताजिये, सुरक्षा के कड़े रहे बंदोबस्त
- शहर से देहात तक तिरंगे के साए में निकले ताजिये और अलम के जुलूस
मेरठ। संवाददाता
दस मोहर्रम की दस तारीख को हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को बड़े ही गमगीन माहौल में अश्कबार आंखों से अलविदा कहा गया। लब्बैक या हुसैन, लब्बैक या अब्बास की सदाओं के बीच शहर सहित जैदी फार्म, लोहियानगर, अब्दुल्लापुर, मवाना, सरधना, धौलड़ी, फलावदा, किठौर क्षेत्रों में में अलम-ए-मुबारक ताजिये और जुलजनाह के जुलूस बड़ी अकीदत के साथ बरामद हुए। शहर, जैदी फार्म और अब्दुल्लापुर में तिरंगों के साथ गमगीन माहौल में जुलूस निकले। सोगवारों ने नौहेख्वानी और मातमपुर्सी की। अलविदाई नौहो के साथ ताजिये, तर्बरूकात दफन किए गए। नोहेख्वानों ने पुरसोज नौहे पढ़कर हुसैनियत का पैगाम दिया। रात में शाह जलाल ह़ॉल से मशाल जुलूस निकला।
शहर छोटी कर्बला चौड़ाकुआं से ताजिये और जुलजनाह का बड़ा जुलूस तिरंगे झंडे के साथ बड़ी अकीदत के साथ बरामद हुआ। इस दौरान कोटला के विभिन्न अजाखानों से ताजिये बरामद होकर इस जुलूस में शामिल हुए। जुलूस मनसबिया से घंटाघर, रेलवे रोड, ईदगाह चैराहे से गुजरता हुआ कर्बला रेलवे रोड मनसबिया पहुंचा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाले गये जुलूस में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, पूर्व पुलिस कमिश्नर दिल्ली कमर अहमद जै़दी, बिलाल नकवी सहित बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार काले लिबास पहने शामिल हुए। जुलूस में अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू ने अपने नौहों में इमाम हुसैन के हिन्दुस्तान ना आने की कसक को कर्बला जाते ना मौला काश आजाते यहीं - मुंतजिर सदियों से अब तलक मेरा हिन्दुस्तान है कुछ इस तरह से बयां किया।
चांद मियां, रविश, मीसम, तथा दस्तये हुसैनी के साहिबे ब्याज़, हुंमायू अब्बास ताबिश, गिज़ाल रज़ा, तन्जीम-ए-अब्बास के सफदर अली, अतीक उल हसन, काशिफ, दारेन, ज़िया जै़दी ने दर्द भरे नौहे पढ़े। जुलूस की व्यवस्था सैयद शाह अब्बास सफवी, तालिब अली जै़दी, अली हैदर रिजवी, नियाज हुसैन जै़दी, शकील जै़दी, मासूम असगर, हैदर अब्बास समेत तमाम शिया सोगवार संभाले हुए थे। जुलूस कर्बला पहुंचकर अलविदाई नौहो के साथ संपन्न हुआ। जहां ताजिये और तर्बरूकात दफन किए गए। जुलूस के प्रबन्धक हसन मुर्तजा रहे। जुलूस के उपरांत सोगवारों को फल, जूस, शर्बत आदि बांटे गए। मोहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिजवी, तालिब अली जैदी समेत शिया समाज के लोगों ने ने जिला प्रशासन, पुलिस का जुलूसों में पूर्ण सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया।
जुलूसों के दौरान रही कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था : इमामबारगाह करीम बख्श से ताजिया बरामद होकर वापस इसी स्थान पर पहुंचा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हसन अली मरहूम के अजाखाने जाहिदियान से हाजी शमशाद अली जै़दी के संयोजन में अलम-ए-मुबारक हजरत अब्बास और तर्बरूकात का जुलूस तिरंगें झंडे के साथ बरामद हुआ। जो निर्धारित स्थानों से होता हुआ मखदूम शाह विलायत कर्बला गेट नंबर तीन के अन्दर शांतिपूर्ण माहौल में पहुंच कर सम्पन्न हुआ। जहां तर्बरूकात दफन किए गए। जुलूस में हाजी जहीर आलम अंजुम, युसुफ अली, हाजी सुल्तान हैदर, हैदर हसन, अकबर हुसैन, फैज़ान जै़दी सहित बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार शामिल रहे।
जैदी फार्म में जुलूस: जैदी फार्म इमामबारगाह इश्तियाक हुसैन से मौलाना अब्बास असकरी की तकरीर के बाद जुलजनाह और ताजिये का बड़ा जुलूस तिरंगे झंडे के साथ बरामद होकर अब्बास पैलेस, शाह जलाल हॉल, कौमी एकता मार्ग, नई कोठी से होता हुआ जैदी सोसायटी कर्बला पहुंचकर संपन्न हुआ। इस दौरान हुसैनी सौगवारों ने जंजीरों का जबरदस्त मातम किया। कर्बला में ताजिये और तर्बरूकात दफन किए गए। जुलूस में बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार शामिल हुए। इस दौरान जावेद रज़ा, शबीह जैदी, अरशी नकवी, शाहनावाज़, नजर अब्बास आदि ने पुरसोज नौहे पढ़कर हुसैनियत का पैगाम दिया।
लोहियानगर में भी तिरंगे के साथ निकला जुलूस : लोहियानगर में भी के-ब्लाक से ताजिये व अलम-ए-मुबारक का जुलूस तिरंगे झंडे के साथ बरामद हुआ। इस दौरान अन्जुमन जुल्फिकार-ए-हैदरी ने मातम व नौहेखानी की। शाम को जगह-जगह फाका शिकनी की गई। सुबह मस्जिद जैदी नगर सोसायटी, कर्बला मनसबियसा में खुले में आमाले आशूरा (इबादत) किए गए।
शाहजलाल हॉल से निकला मशाल जुलूस : रात में शाहजलाल हॉल सेक्टर चार शास्त्रीनगर से हुसैनी मिशन की जानिब से शामें गरीबां की। मजलिस में मौलाना अमीर आलम की तकरीर के बाद तारीखी मशाल जुलूस बरामद हुआ। जो जैदी फार्म से कर्बला जैदी सोसायटी पहुंच कर सपंन्न हुआ। जहां रज़ा नकवी ने पुरसोज़ नौहेख्वानी की। देर रात में इमाम बारगाह पंजेतनी अजाने अली अकबर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हुसैनी सोगवार शामिल हुए। इससे पूर्व शहर में डॉ. इकबाल हुसैन के अजाखाने हुसैनाबाद, छोटी कर्बला, मनसबिया तथा इमामबारगाह इश्तियाक हुसैन जैदी फार्म में भी शामे गरीबां की मजलिसे हुई। दरबारे हुसैनी जैदी फार्म से अलविदाई जुलजनाह बरामद हुआ। मोहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिजवी ने बताया कि आज इमामबारगाह अलहाज डॉ. इकबाल हुसैन, हुसैनाबाद में यौमे जैनब के उन्वान से मजलिस होगी। गम-ए-हुसैन का सिलसिला आठ रबी-उल-अव्वल तक जारी रहेगा।