मेरठ : मेरठ की ईहा दीक्षित को मिला इंटरनेशनल यंग ईको हीरो अवार्ड



मेरठ । संवाददाता

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी मेरठ ही नन्हीं ईहा दीक्षित अब इंटरनेशनल यंग ईको हीरो अवार्ड से नवाजी जाएगी। देश के पांच बच्चों को इंटरनेशनल यंग ईको हीरो अवार्ड मिला है। इसमें दुनियाभर के 17 बच्चे शामिल है। इसकी यूएसए में एक्शन फॉर नेचर ने घोषणा की। ईहा दीक्षित को अवार्ड मिलने की सूचना के बाद परिवार और संबंधियों में खुशियां छा गई। 

कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को स्थित इंटरनेशनल नान-प्राफिट आर्गेनाइजेशन एक्शन फार नेचर ने बच्चों को यह अवार्ड दिया। इसमें देश के पांच बच्चों को एवं दुनियाभर के 17 बच्चों को इंटरनेशनल यंग ईको हीरो अवार्ड के लिए चुनने और उनके नामों की बुधवार को घोषणा की। इनमें मेरठ की ईहा दीक्षित इंटरनेशनल यंग ईको हीरो अवार्ड पाने वाले पांच बच्चों में टॉप पर है। ईहा दीक्षित के पिता कुलदीप शर्मा और माता अंजलि शर्मा को इसकी सूचना मिली। उन्होंने बेटी ईहा दीक्षित को इंटरनेशनल यंग ईको हीरो अवार्ड के लिए चयनित किए जाने की पुष्टि की। यह उच्च सम्मान बच्चों को पर्यावरण समस्या समाधान में योगदान देने के लिए मिला है। इंटरनेशनल यंग इको हीरो अवार्ड के विजेताओं को पर्यावरण विज्ञान जीव विज्ञान और शिक्षा जगत से जुड़े स्वतंत्र जजों के पैनल ने चुना है।



मेरठ की नौ वर्षीय ईहा दीक्षित ने आठ से 12 आयु वर्ग की कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। ईहा के अलावा बेंगलुरु की 12 वर्षीय मान्या हर्ष को द्वितीय पुरस्कार, 13 से 16 वर्ष की कैटेगरी में दिल्ली के 16 वर्षीय निर्वाण सोमानी को द्वितीय, दिल्ली की ही 15 वर्षीय मन्नत कौर को तृतीय और मुंबई के 13 वर्षीय कर्णव रस्तोगी को सम्मान प्रोत्साहन अवार्ड मिला है। भारत में रहने वाले इन पांच बच्चों के अलावा तीन और भारतीय मूल के विदेश में रहने वाले बच्चे पुरस्कृत हुए हैं। देश के चयनित बच्चों में ईहा दीक्षित टॉप पर है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित ईहा दीक्षित चार साल की आयु से ही पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण कर रही हैं। ग्रीन ईहा स्माइल फाउंडेशन के अंतर्गत उनके साथ बहुत से वालिंटियर्स भी जोड़ चुकी हैं। जो अब तक हजारों पौधे विभिन्न जगहों पर विभिन्न शहरों में लगा चुके हैं। इन पौधों से ईहा और उनके सहयोगी मिनी फारेस्ट, पार्क और ग्रीन बेल्ट तैयार कर रहे हैं। यह सिलसिला मेरठ सहित भारत के विभिन्न शहरों में चल रहा है जिससे छांव और स्वच्छ हवा मिल सके। 

ईहा दीक्षित ने अपने घर पर लोगों से दान में मिले पौधों को एकत्र कर एक प्लांट बैंक भी तैयार किया है। इन पौधों का इस्तेमाल बीज प्राप्त करने के लिए किया जाता है और कोई भी इस प्लांट बैंक से पौधे ले जाकर लगा सकता है। ईहा का कहना है कि उम्र मायने नहीं रखती है। यदि कोई भी कार्य लगन और ईमानदारी से की जाए तो बड़े से बड़ा लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है। यह अवार्ड आठ से 16 वर्ष तक के बच्चों को प्रदान किया जाता है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण से संबंधित कठिन समस्याओं के समाधान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं। पिछले 20 सालों में एक्शन फार नेचर संस्था ने 27 देशों और 32 अमेरिकी राज्यों के 339 ईको-हीरोज को चिन्हित व सम्मानित किया है। 



देश के पांच बच्चों को मिला इंटरनेशनल यंग इको हीरो अवार्ड, मेरठ की ईहा दीक्षित टाॅप पर 

संयुक्त राज्य अमेरिका में एक्शन फाॅर नेचर की ओर से बुधवार को इंटरनेशनल यंग इको हीरो अवार्ड 2023 की घोषणा कर दी गई है। इसमे विश्व के 17 प्रतिभागियों समेत देश के पांच प्रतिभागी विजेता बने हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी ईहा दीक्षित ने विश्व के बाल पर्यावरणविद्वों की सूची में टाॅप रैंकिंग हासिल करने के साथ ही प्रथम पुरस्कार भी जीत लिया है। 

पर्यावरण समस्या समाधान में योगदान देने वाले दुनिया भर के बच्चों को सैन फ्रांसिसको स्थित एक्शन फाॅर नेचर की ओर से प्रति वर्ष यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस वर्ष विश्व के 17 बच्चों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। जिनमें जागृति विहार निवासी ईहा दीक्षित ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया है। ईहा को 8 से 12 वर्ष आयु वर्ग में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 

सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित ईहा दीक्षित ने साढे़ चार वर्ष की उम्र में पौधारोपण करके पर्यावरण संरक्षण का कार्य शुरू किया था। ईहा दीक्षित ने महज साढे़ पांच वर्ष की आयु में ग्रीन ईहा स्माइल फाउंडेशन की स्थापना की थी। वह 275 सप्ताह से हर रविवार पौधारोपण कर रही है। वह अब तक देश के कई शहरों में बीस हजार से अधिक पौधे लगा चुकी है। उनके द्वारा लगाए गए तमाम पौधे अब पेड़ बन चुके हैं। हाल ही में आवास विकास परिषद के सहयोग से भी वह ग्रीन बेल्ट में विशाल पौधारोपण कर रही हैं। ईहा के पर्यावरण प्रेम के कारण ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसे अपना नन्हा दोस्त मानते हैं। ईहा दीक्षित प्रधानमंत्री के द्वारा बताई गई मटका विधि से पौधारोपण करती है। इस विधि से पौधारोपण करने पर सिंचाई में इस्तेमाल होने वाला जल 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है तथा पौधों की वृद्वि दर भी 20 प्रतिशत अधिक होती है। 

ईहा अपने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्लांट और सीड बैंक भी चलाती हैं। उन्होंने बीआईएमटी काॅलेज में ईहा औषधीय वाटिका की स्थापना की हुई है, जहां से निशुल्क औषधीय पौधे प्रदान किए जाते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग वह प्लांटर होल्डर बनाने के लिए करती हैं। इसके अलावा ईहा ने बड़ी संख्या में सीड बाॅल भी तैयार किए हैं। 

ईहा ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ा। उनके द्वारा किए गए सभी कार्यों का सत्यापन होने के बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए शार्ट लिस्ट किया गया था। लगभग 55 मिनट उनका इंटरव्यू चला था। उन्हेें विश्वास था कि अवार्ड लिस्ट में उनका नाम होगा, लेकिन वल्र्ड रैंक में प्रथम स्थान पर आना मेरे लिए ईश्वर, परिजनों, टीचर्स और बडे़ लोगों के आशीर्वाद का परिणाम है। पुरस्कार हासिल करने से उत्साहित ईहा ने कहा कि किसी भी काम को करने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है। वह अपने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अंतिम सांस तक पौधे लगाने और उनके संवर्धन के लिए कार्य करना चाहती है। 


मिल चुके हैं कई सम्मान 

ईहा को इससे पहले कई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। ईहा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अलावा केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से वाॅटर हीरो पुरस्कार भी प्रदान किया गया है।  वह संयुक्त राष्ट्र के द्वारा आयोजित विश्व एशिया शांति सम्मेलन में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। ईहा के कार्यो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्म समेत तमाम बाॅलीवुड हस्तियां सराहना कर चुके हैं। 


स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा 

ईहा की उपलब्धियों को कई सीबीएसई स्कूलों में कक्षा सात में पढ़ाया जाता है। वह अभी स्वयं कक्षा छह की छात्रा है, जबकि कक्षा सात के छात्र-छात्राओं को उसके बारे में पढ़ाया जाता है। ईहा दीक्षित 2019 में प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम मन की बात और फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी के साथ भी टाटा टी जागो रे अभियान का प्रोमो कर चुकी हैं।

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