टटीरी कांड काे याद कर सिहर उठते है कस्बे के लाेग

 टटीरी कांड की 12वीं बरसी पर विशेष::::



देशभर में प्रसिद्ध गुडमंडी और फर्नीचर उद्याेग का अस्तित्व बचाने में लगे व्यापारी



लगातार हाे रही वारदाताें के कारण 30 से अधिक व्यापारी परिवार पलायन कर रह रहे दिल्ली, शाहदरा और हरियाणा


अभी भी व्यापारियाें के पलायन का नहीं रुक पा रहा सिलसिल




एक्सप्रेस न्यूज़ संवाददाता

ताहिर अहमद

बागपत ।

आज के ही दिन 10 दिसम्बर 2008 की शाम काे  जिले से मात्र पांच किलाेमीटर की दूरी पर स्थित कसबा अग्रवाल मंड़ी टटीरी में रंगदारी न देने पर चार व्यापारियाें काे माैत के घाट उतार दिया गया था। आज व्यापारी चाैहरे हत्याकाँड की 12वीं बरसी मनायेंगे। अभी भी कांड काे याद कर कस्बे के व्यापारी सिहर उठते है। शासन प्रशासन की उपेक्षाकारी और अनदेखी के चलते कसबे के फर्नीचर उद्याेग और गुडमंडी का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। लगातार कसबे में हाे रही लूट, रंगदारी, चाेरी की वारदात के चलते यहां के 30 से अधिक व्यापारी पलायन कर दिल्ली, शाहदरा और हरियाणा में जाकर बस गए है। हालांकि कुछ व्यापारी अभी भी गुडमंडी और फर्नीचर उद्याेग काे आगे बढ़ाने की कसमकश में दिन रात मेहनत से लगे हुए है। मगर अब पहले जैसी राैनक कसबे में नजर ही नहीं आती है। कई व्यापारी अभी भी पलायन की तैयारी में है।


1985 के दशक में देशभर में प्रशिद्ध टटीरी की गुड़मंडी आज सुनसान पड़ी हुई है ।

देश भर में गुडमंडी और फर्नीचर उद्याेग के लिए जाना जाता है अग्रवाल मंडी टटीरी

 व्यापारी नेता अभिमन्यु गुप्ता, मनाेज सिंघल, राेहित अग्रवाल, अंकुर शर्मा, व्यापारी विजय सिंह मानव, मुकेश रुहेला बताते है कि पहले देशभर में कस्बे की गुडमंडी विख्यात थी। यहां पर यूपी के विभिन्न जिलाें के अलावा हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश , दिल्ली के व्यापारी भी गुड खरीदने के लिए पहुँचते थे । यहीं नहीं यहां के फर्नीचर उद्याेग का डंका भी देशभर में बजता था। मगर जब से एक के बाद एक वारदात हुई है लगातार व्यापारियाें का पलायन जारी है। कई व्यापारियाें ने िदल्ली अाैर हरियाणा में कपड़े और किराणा की दुकान कर ली है। यहाँ तक कि अभी भी लाेग कांड काे याद कर कांप उठते है।



----चाैहरे हत्याकांड के बाद जनआंदाेलन बन गया था धरना,  पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराए थे व्यापारियाें के हत्यारे

कस्बे में चार व्यापारियों की हत्या के बाद बागपत के व्यापारी ही नहीं बल्कि आम जनता भी सड़कों पर उतर गयी थी। स्कूली छात्र-छात्राओं ने भी सड़कों पर उतरकर आंदोलन में हिस्सा लिया था। घटना के विरोध में जिले के बागपत, बड़ौत, अग्रवाल मंडी टटीरी, खेकड़ा, दोघट, टीकरी, छपरौली आदि कस्बों समेत दूसरे स्थानों पर भी बाजार बंद रहे थे। लोगों की एक ही मांग थी कि पहले बदमाशों का एनकाउंटर कर दिया जाए उसके बाद ही कुछ होगा। उस समय यह मामला काफी गरमाया था ।

तत्कालीन आइजी और डीआइजी ने दस दिन तक बागपत में ही डेरा जमाए रखा था। तीन बदमाशों का एनकाउंटर होने के बाद ही करीब 14 दिन बाद ही जनपद के बाजार खोले गये थे।  


खल व्यापारी किशन चन्द का प्रतिष्ठान जिस जगह बदमाशो ने खेला था ख़ूनी खेल तथा चार व्यापारियों की हुई थी हत्या ।


----- राजनेताअाें ने भी टटीरी में डाला था डेरा

अग्रवाल मंडी टटीरी कस्बे में चार व्यापारियों की हत्या का मामला केन्द्र तक पहुंचा था। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जायसवाल, पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह आदि ने भी टटीरी कस्बे में पहुंचकर पीड़ित व्यापारियों का हाल जाना था तथा उनकी मदद करने का आश्वासन दिया था।


व्यापारियाें की सुरक्षा के लिए खाेली गई पुलिस चाैकी पर लटका है ताला

व्यापारियाें ने अपनी सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन के समीप जमीन देकर पुलिस चाैकी खुलवाई थी। मगर स्टाफ की कमी के कारण पुलिस चाैकी पर ताला लटका हुअा है। जबकि हर बार बदमाश वारदात काे अंजाम देने के बाद इसी पुलिस चाैकी के सामने से भागते है। व्यापारियाें ने एसपी बागपत से पुलिस च ाैकी काे नियमित रुप से खुलवाने की मांग की है ।


टटीरी में रेलवे रोड पर स्टाफ की कमी के चलते बन्द पड़ी पुलिस चौकी ।

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यह था टटीरी का चाैहरा हत्याकांड

10 िदसंबर 2008 की देर शाम करीब  सात बजे टटीरी के खल बाजार के व्यापारी अपनी दुकान में व्यस्थ थे। इसी बीच अाधा दर्जन से अधिक बदमाशाें ने रंगदारी देने से मना करने पर चार व्यापारियाें का माैत के घाट उतार िदया था। यहीं नहीं फायरिंग करते हुए फरार हाे गए थे। हालांकि इस मामले में एसपी ने एक्शन लेते हुए टटीरी पुलिस चाैकी पर तैनात प्रभारी समेत स्टाफ काे संस्पेंड कर िदया था।  इसके बाद बागपत कोतवाली प्रभारी , सीओ व बागपत एसपी को भी सस्पेंड कर दिया गया था।  

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अब खुद रुपये देकर गार्ड से सुरक्षा करा रहे टटीरी के व्यापारी

टटीरी के व्यापारी चाैहरे हत्याकांड के बाद से मंडी की सुरक्षा के लिए दाे गार्ड रखे हुए है। िजन्हें हर माह वेतन िदया जाता है। व्यापारी  नेता अंकुर शर्मा, अभिमन्यु गुप्ता, संजीव शर्मा ने बताया िक 9 बजे से पहले ही बाजार भी बंद कर िदया जाता है। अभी भी व्यापारियाें के अंदर से भय नहीं िनकल पा रहा है।



-----इन व्यापारियों की हुई थी हत्या

व्यापारी किशनचंद , बृजमोहन , सुमंत गोयल , संजय की गोली मारकर हत्या कर दी थी ।




-----वादे जो अभी भी अधूरे है

रेलवे रोड पुलिस चौकी पर पुलिस बल की तैनाती ,

रेलवे स्टेशन, बाजार में पुलिस का नियमित गश्त ,

व्यापारियों को ऑल इंडिया शस्त्र लाइसेंस 


-----कस्बे से पलायन कर चुके व्यापारी 

व्यापारी ओमप्रकाश उर्फ मुन्नी , खेमचंद जैन , विनोद गुप्ता, मोदी, सुमन प्रसाद ,सुरेंद्र बंसल आदि व्यापारी यहां से पलायन कर दिल्ली, मेरठ तथा हरियाणा आदि जगहों पर रहने लगे हैं। 



-----तत्कालीन डीजीपी के वादे भी हवाई

तत्कालीन डीजीपी ने टटीरी पुलिस चौकी को रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बनाने का वादा किया था जो हत्याकांड के करीब 12 वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो सका है ।



----व्यापारी के परिवार पर रिस्तेदारों ने कस्बा छोड़ने का बनाया था दबाव 

मृतक व्यापारी किशन चंद व संजय जैन के भाई राजकुमार ने बताया कि उनके पिता व भाई की मौत के बाद रिश्तेदारों ने उन पर कस्बा छोड़ने का दबाव बनाया था लेकिन उन्होंने कस्बा नहीं छोड़ा और यहीं पर अपने परिवार का पालन पोषण किया ।

उधर व्यापारी बृज मोहन गुप्ता के भाई आनंद एवं मोदी ने कस्बे से पलायन कर लिया है।



सुनसान पड़ा टटीरी का बाज़ार ।

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