बागपत। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवा 108 में गुरुवार को नवजात शिशु की किलकारी गूंज उठी।
बागपत जिले के ग्राम ककोरकला निवासी शमरीन (21वर्ष) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 एम्बुलेंस बुलाई थी। एम्बुलेंस उन्हें लेकर अस्पताल जा रही थी लेकिन बीच रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ गई। जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी सूपिन यादव (ईएमटी) ने अपनी सूझबूझ से महिला का एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया । वही विकास कुमार (कैप्टेन) ने अपने कर्त्तव्य को पूरा निभाते हुए सही समय से पहुँच कर मरीज़ को एम्बुलेंस में शिफ्ट कराया ।
एम्बुलेंस में कार्यरत ईएमटी सूपिन यादव और कैप्टेन विकास कुमार ने बताया कि कल रात्रि में 9 बजे जानकारी मिली कि छपरौली ब्लॉक क्षेत्र ग्राम ककोरकला के नगर निवासी समरीन (21 वर्ष) पत्नी सुवैब को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत है। सूचना मिलते ही वे एम्बुलेंस लेकर पहुंच गये। वे एम्बुलेंस में मरीज को लेकर जिला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छपरौली जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई।
एम्बुलेंसकर्मी ने बताया कि कन्या पाठशाला , बदरका के समीप एम्बुलेंस सड़क पर किनारे लगाकर सुरक्षित प्रसव कराया गया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को सामुदायिक स्वाथ्य केन्द्र में भर्ती करा दिया गया। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों ही पूरी तरह सुरक्षित हैं। वहीं, परिजनों और पिंकी (आशा) ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकारी एम्बुलेंस सेवा और एम्बुलेंस कर्मचारियों की सराहना की।
एम्बुलेंस प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि 102 सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है। 102 एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक के बच्चों को घर से सरकारी अस्पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्ध रहती है और एम्बुलेंस स्टाफ इसके लिए प्रशिक्षित हैं। इसलिए डिलीवरी के मामले में सभी 102 एम्बुलेंस का प्रयोग करना चाहिए। वहीं, 108 एम्बुलेंस सेवा से किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस की मदद ली जा सकती है। यह सेवा भी नि:शुल्क है।