होली पर विशेष : वह सब कुछ जो जानना आपके लिए जरूरी है

 

हाथ से मसलते ही मावे की असलियत का चलेगा पता, उबालने पर दूध का रंग बदला ताे हाे सकती है मिलावट, खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी पहली बार हाेली से पूर्व लाेगाें काे बता रहे असली-नकली खाद्य पदार्थाें की पहचान


हाेली के मद्देनजर खाद्य पदार्थाें की बिक्री करने वाले कुछ मिलावटखाेर भी सक्रिय हाे जाते हैं। मगर इस बार खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम जहां छापामारी ताे कर ही रहीं है, वहीं एक टीम जिलेभर के विभिन्न स्थानाें पर जाकर लाेगाें काे दूध, मावे के असली और नकली की पहचान बता रही हैं। साथ ही मिठाईयाें काे खरीदते समय बरती जानकारी वाली सावधानियाें के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी डाॅ. भंवर सिंह ने बताया कि स्टाॅफ की कमी के कारण पहले लाेगाें काे त्याेहारी सीजन मे जागरूक नहीं किया जाता था। मगर इस बार जागरूक करने के लिए अलग से टीम काे लगाया गया है। अब तक जिले के विभिन्न स्थानाें से 40 से अधिक मावा, दूध और मिठाईयाें के सैंपल लेकर प्रयाेगशाला भेजें गए हैं।

इस बार लाेगाें से अपील की जा रही है कि जांच पड़ताल के बाद ही खाद्य पदार्थाें काे खरीदें, ताकि वह मिलावटी खाद्य पदार्थाें काे खरीदने से बच जाएं। वैसे ताे मिलावट का सही पता लैब में ही पता लग सकता है। मगर कुछ देशी तरीकाें से भी दूध, मावा अन्य खाद्य पदार्थाें की आसानी से चंद मिनटाें में ही जांच की जा सकती है।


मावा खरीदते समय असली नकली की पहचान के लिए ये तरीका है कारगर...


मावा खरीदते समय चुटकीभर मावा हथेलियाें के बीच रगड़े। असली मावा थाेड़ा ऑयली और दानेदार हाेता है। उसके बाद उसमें से घी की महक आ रही है ताे वह असली है। हथेली से गंध आती है ताे मिलावट हाे सकती है।

: थाेड़ा सा मावा लेकर थाेड़े गर्म पानी में डालें। उसके बाद उसमें आयाेडीन लाेशन की कुछ बूंदे डालें। अगर मावा नीला हाे जाता है, ताे समझ जाइए कि इसमें मिलावट की गई है।

: खाेए की गाेली बनाएं, अगर गाेली फटने लगे ताे उसमें मिलावट की गई है।

: असली मावा खाने से मुंह में कच्चे दूध जैसा स्वाद आता है।


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मिठाई की एक्सपायरी डेज जरूर देखें....

एफएसएसएआई ने मिठाई बेचने के लिए उस पर उत्पादन की तिथि डालना अनिवार्य किया हुआ है। मगर बहुत सी दुकानें बिना तिथि डाले ही मिठाईयां बेचती है। अगर मिठाई खरीद रहे है ताे तिथि जरूर देखें।


दूध की ऐसे करें पहचान...

: उंगली की टिप पर दूध की एक बूंद लें। उसे बहने दें, अगर तेजी से बह गया, ताे समझाे ज्यादा पानी मिला हुआ है। दूध अगर रुका रहता है या फिर धीरे-धीरे बहता है, ताे उसमें कम पानी या काेई पानी नहीं मिलाया गया है।

: सिंथेटिक दूध काे हथेलियाें के बीच रगड़ें, यदि दूध साबुन जैसा चिकना लगे ताे यह सिंथेटिक हाे सकता है। गर्म करने पर हल्का पीला भी हाे जाता है।

: दूध में साबुन जैसी गंध अाए ताे वह सिंथेटिक है। असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती।

: असली दूध का स्वाद हल्का मीठा हाेता है।

: असली दूध काे उबालने पर रंग नहीं बदलता। नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हाे जाता है।



जैसा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी डाॅ. भंवर सिंह ने बताया।


मिलावट पर हाे सकती है छह माह से लेकर 3 साल तक की सजा

खाद्य सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, खाद्य पदार्थाें में मिलावट करने पर दाेषी पर  छह माह से लेकर 3 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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