मेरठ: देहरादून से दिल्ली तक लेकर आए वंदे भारत एक्सप्रेस

 







- प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देहरादून-दिल्‍ली (आनंद विहार टर्मिनल) वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेन की पहली यात्रा का शुभारंभ हरी झण्‍डी दिखाकर वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए किया
- नए विद्युतीकृत रेल सेक्‍शन को राष्‍ट्र को समर्पित कर उत्‍तराखण्‍ड को शत-प्रतिशत विद्युत ट्रेक्‍शन वाला राज्‍य घोषित किया 
- देहरादून-दिल्‍ली वंदे भारत एक्‍सप्रेस सुगम यात्रा अनुभव सुनिश्‍चित करने के साथ-साथ नागरिकों को सुविधाजनक यात्रा भी उपलब्‍ध कराएगी 
- उत्तराखंड राज्‍य और राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली के बीच बेहतर सम्‍पर्क उपलब्‍ध कराएगी 
- यह रेलगाड़ी कवच, स्‍वदेशी रूप से विकसित टक्‍कर-रोधी प्रणाली, तकनीक जैसी आधुनिक और उन्‍नत संरक्षा खूबियों से सुसज्‍जित है 
- उत्तराखंड का समूचा 347 रूट किलोमीटर शत-प्रतिशत विद्युतीकृत हो गया है



मेरठ/देहरादून/नई दिल्ली। संवाददाता

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से देहरादून-दिल्‍ली (आनंद विहार टर्मिनल) वंदे भारत एक्‍सप्रेस की उदघाटन सेवा को हरी झण्‍डी दिखाकर शुभारंभ किया । इस दौरान उन्‍होंने उत्‍तराखण्‍ड में शत-प्रतिशत रेलपथों का विद्युतीकरण भी राष्‍ट्र को समर्पित किया।



इस अवसर पर उत्‍तराखण्‍ड के राज्‍यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह, उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी, माननीय रेल संचार और इलैक्‍ट्रॉनिक एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्‍वनी वैष्‍णव, रक्षा और पर्यटन राज्‍य मंत्री अजय भट्ट, केबिनेट मंत्री/उत्‍तराखण्‍ड गणेश जोशी, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, सांसद (लोकसभा) माला राज्‍य लक्ष्‍मी शाह, सांसद (राज्‍यसभा) नरेश बंसल, विधायक/देहरादून विनोद चमोली, उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी, मुरादाबाद मण्‍डल के मण्‍डल रेल प्रबंधक अजय नंदन तथा अन्‍य गणमान्‍य अतिथि उपस्‍थित रहे।



वर्चुअल कार्यक्रम में रेलवे के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने देहरादून और दिल्‍ली के बीच चलने वाली इस नई वंदे भारत एक्‍सप्रेस की उद्घाटन सेवा के लिए उत्‍तराखण्‍ड के प्रत्‍येक नागरिक को धन्‍यवाद दिया और कहा कि यह रेलगाड़ी राष्‍ट्रीय राजधानी को देवभूमि उत्‍तराखण्‍ड से जोड़ेगी । इन दोनों शहरों के बीच का यात्रा समय अब और कम हो जाएगा तथा इस रेलगाड़ी में उपलब्‍ध कराई जा रही सेवाएं एक सुखद यात्रा अनुभव उपलब्‍ध कराएंगी। 



     उत्तराखंड को पांच हजार करोड़ का बजट आवंटित किया : 

देहरादून में समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि उत्‍तराखण्‍ड में विकास कार्यों के लिए 5000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है । उत्‍तराखण्‍ड अब बहुत तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। देहरादून रेलवे स्‍टेशन से रवाना हुई इस रेलगाड़ी का स्‍थानीय लोगों ने बड़े उत्‍साह से स्‍वागत किया।



रास्ते में पुष्पवर्षा कर किया स्वागत : 

देहरादून से आनंद विहार टर्मिनल तक बीच मार्ग में, लोगों ने इस रेलगाड़ी पर पुष्‍प-वर्षा कर तालियों के साथ गुजरती हुई रेलगाड़ी को देख हाथ हिलाकर अभिनंदन किया । मार्ग में इस रेलगाड़ी का डोईवाला, हरिद्वार, रुड़की, सहारनपुर, देवबंद, मुजफ्फरनगर, खतौली, मेरठ सिटी और मोदीनगर स्‍टेशनों पर क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने स्‍वागत किया। इस दौरान युवाओं ने सेल्फी ली और वीडियो बनाई।



पुष्पवर्षा कर मेरठ और दिल्ली में हुआ भव्य स्वागत : 

मेरठ सिटी स्टेशन और दिल्‍ली (आनंद विहार टर्मिनल) रेलवे स्‍टेशन पहुंचने पर रेलगाड़ी का गर्मजोशी से स्‍वागत किया गया । दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, सांसद मेरठ-हापुड़ राजेंद्र अग्रवाल, विधायक ओमप्रकाश शर्मा, सांसद प्रतिनिधि हर्ष गोयल, व्यापारी नेता अंकुर गोयल, ऋषभ गौड़ मौजूद रहे। स्‍वागतकर्ता दल में उत्‍तराखण्‍ड राज्‍य के अनेक प्रख्‍यात नागरिक भी मौजूद थे। उन्‍होंने इस क्षेत्र में नई वंदे भारत रेलसेवा का बड़े उत्‍साह से स्‍वागत किया।



प्रगतिशील और आत्‍मनिर्भर भारत के विजन का प्रतीक है वंदे भारत एक्सप्रेस : अश्वनी वैष्णव : 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव नए युग की रेल सेवा वंदे भारत एक्‍सप्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रगतिशील और आत्‍मनिर्भर भारत के विजन का प्रतीक है। वंदे भारत एक्‍सप्रेस एक सेल्‍फ-प्रोपेल्‍ड सेमी हाईस्‍पीड रेलगाड़ी है। इसमें शानदार डिजाइन, आंतरिक सज्‍जा और गति वाली इस रेलगाड़ी में रेल यात्रियों को सुखद एवं आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने की क्षमता है।



वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत : 

यह रेलगाड़ी सीसीटीवी, 360 डिग्री तक घूमने वाली सीटों, कवच (टक्‍कररोधी प्रणाली), बायोवैक्‍यूम शौचालय, दिव्‍यांग अनुकूल शौचालय, सीट हैंडलों पर ब्रेल लिपि में लिखे नम्‍बर और प्रत्‍येक कोच में यात्री सूचना और मनोरंजन प्रणाली से सुसज्‍जित है । यह रेलगाड़ी यात्रियों को एक अतिरिक्‍त यात्रा विकल्‍प उपलब्‍ध कराएगी । यह रेलसेवा देहरादून और आनंद विहार टर्मिनल के बीच लगने वाले औसत यात्रा समय को दोनों दिशाओं में लगभग 1 घण्‍टा 45 मिनट तक कम करेगी।

बुधवार को छोड़ छह दिन चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस :

 22457/22458 देहरादून-दिल्‍ली(आनंद विहार टर्मिनल)-देहरादून वंदे भारत एक्‍सप्रेस रेलगाड़ी 29 मई 2023 से अपनी नियमित सेवा प्रारंभ करेगी। यह बुधवार को छोड़कर सप्‍ताह के शेष छह दिन यात्रा सेवा प्रदान करेगी। 22458 देहरादून-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्‍सप्रेस देहरादून से सुबह 7.00 बजे प्रस्‍थान करके उसी दिन पूर्वाह्न 11.45 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी । वापसी दिशा में 22457 आनंद विहार टर्मिनल-देहरादून वंदे भारत एक्‍सप्रेस आनंद विहार टर्मिनल से शाम 05.50 बजे प्रस्‍थान करके उसी दिन रात्रि 10.35 बजे देहरादून पहुंचेगी। एग्‍जीक्‍यूटिव श्रेणी और कुर्सीयान के डिब्‍बों वाली यह 22457/22458 देहरादून-आनंद विहार टर्मिनल-देहरादून वंदे भारत एक्‍सप्रेस रेलगाड़ी मार्ग में हरिद्वार, रुड़की, सहारनपुर, मुज़फ्फ़रनगर और मेरठ सिटी रेलवे स्‍टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी । 

22457 दिल्‍ली(आनंद विहार टर्मिनल)-देहरादून वंदे भारत एक्‍सप्रेस द्वारा आनंद विहार से देहरादून की किराया संरचना निम्‍नानुसार है:

एग्‍जीक्‍यूटिव श्रेणी – 1890 रुपए 

कुर्सीयान श्रेणी – 1065 रुपए 

22458 (देहरादून-दिल्‍ली (आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्‍सप्रेस द्वारा देहरादून से आनंद विहार की किराया संरचना निम्‍नानुसार है:

एग्‍जीक्‍यूटिव श्रेणी – 1695 रुपए 

कुर्सीयान श्रेणी – 900 रुपए 


 मिशन विद्युतीकरण-उत्‍तराखण्‍ड में रेलमार्गों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण: स्‍वच्‍छ माध्‍यम वाली जन यातायात प्रणाली उपलब्‍ध कराने के प्रधानमंत्री के विजन के अंतर्गत भारतीय रेल देश में समूचे रेल नेटवर्क को विद्युतीकृत करने की प्रक्रिया में है । इस दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री ने उत्‍तराखण्‍ड में नए विद्युतीकृत रेल लाइन सैक्‍शनों को आज राष्‍ट्र को समर्पित किया । विद्युतीकृत सैक्‍शनों पर विद्युत कर्षण से चलने वाली रेलगाड़ियों की औसत गतिसीमा, रेल परिचालन दक्षता बढ़ेगी तथा अधिक थ्रू-पुट, रेल पथों का बेहतर उपयोग होने के साथ-साथ आयातित कच्‍चे तेल पर निर्भरता भी कम होगी । इससे विदेशी मुद्रा की बचत के साथ ही रेलवे वर्ष, 2030 तक जीरो कार्बन उत्‍सर्जन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ जाएगी।

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