मेरठ । संवाददाता
वन्य जीव सप्ताह के तहत शनिवार को सामाजिक वानिकी प्रभाग मेरठ एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में जन्तु विभाग में वन्यजीव संरक्षण के प्रति छात्र-छात्राओं में भावना जागृत करने के उदेश्य से पक्षियों पर गोष्ठी क आयोजन किया। इसमें मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पक्षी विज्ञानी रजत भार्गव ने विलुप्त होती चिड़ियों को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने चिड़ियों के व्यापार के बजाए उनके संरक्षण पर जोर दिया। साथ ही कहा कि युवाओं को इसके लिए आगे आना चाहिए और समाज को अपना योगदान देना चाहिए।
गोष्ठी की अध्यक्षता सीसीएसयू जन्तु विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. बिंदु शर्मा ने और संचालन छात्र अश्वनी ने किया। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पक्षी विज्ञानी एवं सहायक निदेशक बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी मुंबई डॉ. रजत भार्गव, विशिष्ठ अतिथि वाइल्ड लाइफ वार्डन मेरठ-आगरा रीजन डॉ. सलोनी, उप प्रभागीय निदेशक वन विभाग अंशु चावला रही। मुख्य वक्ता ऑर्निथोलॉजिस्ट रजत भार्गव ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इकोसिस्टम में पक्षियों के महत्त्व को बताया। साथ ही मेरठ शहर एवं आसपास क्षेत्र में लगातार कम हो रही पक्षियों (चिड़ियों) की संख्या को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने छात्र-छात्राओं को चिड़ियों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया और कहा कि वह इसकी शुरूआत घर-आंगन से करें।
कार्यक्रम में वाइल्डलाइफ वार्डन डॉ. सलोनी एवं उप प्रभागीय निदेशक अंशु चावला ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वह वन्य जीवों एवं पक्षियों के संरक्षण-संवर्धन की डोर संभालें। हर स्तर पर उन्हें विभाग की ओर से सहयोग देंगे। छात्र-छात्राओं को चिड़ियों, वन्य जीवों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चिड़ियों के साथ ही वेटलैंड का संरक्षण एवं संवर्धन करें। जन्तु विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. बिंदु शर्मा, प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता, प्रोफेसर एके चौबे आदि ने भी अपने अनुभव साझा किए।
पर्यावरण एवं मनुष्य जीवन के लिए चिड़ियों का संरक्षण जरूरी : गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि पक्षियों के संरक्षण के लिए युवाओं के साथ ही समाज को आगे आना होगा। गावों में तालाबों, वेटलैंड को संरक्षित करना होगा। उन्होंने पौधारोपण अभियान के रस्म अदायगी भर होने पर चिंता जताई और कहा कि जब तक अध्ययन करते हुए पक्षियों का हित सुरक्षित रखने के लिए संयोजित तरीके से पौधारोपण नहीं किया जाएगा। तब तक पक्षियों के संरक्षण में सफलता नहीं मिलेगी। कहा कि पर्यावरण एवं मनुष्य जीवन के लिए चिड़ियों का संरक्षण जरूरी है।
गोष्ठी मे यह रहे मौजूद : कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर बिन्दु शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यशाला में प्रोफेसर एके चौबे, डॉ. संजय भारद्वाज, प्रोफेसर नीलू जैन, डॉक्टर श्वेता शर्मा, डॉक्टर सोनल विहान, प्रोफेसर एसके भारद्धाज, प्रोफेसर एमजे गुप्ता, प्रोफेसर डीके चौहान, डॉ. अंशु चौधरी, डॉ. चांदनी वर्मा, डॉ. अनुषी, मेरिका जयंत, स्वाति गौतम, शालिनी, वन विभाग के शोधार्थी युधिष्टर दत्त, वनकर्मी रीना रही।